[Live] आज ISRO का आदित्य L1 करेगा सूरज फ़तेह ISRO AADITYA L1 SOLAR MISSION 2023:

ISRO AADITYA L1 SOLAR MISSION 2023: ISRO के आदित्य L1 की लॉन्चिंग आज दिनांक 02Sep2023 को 11:50 AM पर, पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर लैगरेंज पॉइंट तक जाएगा, वहां से सूर्य की स्टडी करेगा.

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) सूरज की स्टडी करने की तैयारी में है। इसके लिए आज सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV XL रॉकेट के जरिए श्री श्रीहरिकोटा से आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया जाएगा।

​आदित्य L1 सूर्य की स्टडी करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के 4 महीने बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है।

ISRO AADITYA L1 SOLAR MISSION 2023

[Live] ISRO AADITYA L1 SOLAR MISSION 2023

इसरो आदित्य L1 की अनुमानित लागत क्या है?

आपको बता दें ईश्वर आदित्य एल्बम जो एक सोलर मिशन है इसरो का इसकी अनुमानित लागत लगभग 378 करोड रुपए है और यह भारत का पहला सोलर मिशन है chandrayaan-3 की सफल लेंडिंग के बाद अब इसरो सूरज पर के लिंग लैगरेंज पॉइंट तक जाएगा तथा वहां से सूरज की स्टडी करेगा और डाटा प्रोवाइड करेगा.

लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) क्या है?

लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में L1 नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता है।

लैंग्वेज पॉइंट सूर्य और धरती से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वहां पर यदि किसी व्यक्ति को रखा जाता है तो वह किस तरह कर किसी भी ऑब्जेक्ट की स्टडी कर सकता है और डाटा को एनालाइज करने में आदित्य L1 सक्षम है.

aditya l1
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आदित्य L1 के 7 पेलोड सूर्य को समझेंगे

आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे पीएसएलवी-सी57 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। यह सूर्य का अध्ययन करने के लिए सात पेलोड ले जाता है, जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के यथास्थान मापदंडों को मापेंगे। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है।

आदित्य L1 के साथ जाएंगे 7 पेलोड कौनसे है?

-आपके मन में भी यह प्रश्न उठना होगा कि आदित्य L1 के साथ जो साथ पहले उठ जाएंगे वह कौन-कौन से हैं हम आपको आगे बताने जा रहे हैं कि 7 फ्लोर कौन-कौन से हैं और उनका क्या-क्या काम होगा-

आदित्य L1 मिशन के साथ जो सात पेलोड भेजे जाएंगे, उनके नाम हैं- विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) और मैग्नेटोमीटर पेलोड।

  • विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) पेलोड सोलर कोरोना और कोरोनल मास इजेक्शन के डायनेमिक का अध्य्यन करेगा।
  • सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT) पेलोड अल्ट्रा वॉयलेट वेवलेंथ के करीब सोलर फोटोस्फियर और क्रोमोस्फियर की तस्वीरें लेगा और सोलर इरेडिएंस (सूर्य से पृथ्वी तक आने वाली लाइट एनर्जी) में बदलावों का अध्य्यन करेगा।
  • आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) और प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) पेलोड सोलर विंड (सूर्य के चारों और उठने वाली सौर आंधी) और एनर्जी पार्टिकल्स की स्टडी करेंगे। ये पेलोड इन पार्टिकल्स की एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन का भी अध्य्यन करेंगे।
  • सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS) और हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) विस्तृत एक्स-रे एजर्नी रेंज से सूर्य के एक्स-रे फ्लेयर्स की स्टडी करेंगे।
  • मैग्नेटोमीटर पेलोड L1 पॉइंट पर ग्रहों के बीच की मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी करेगा।

प्रति दिन 1,440 फोटो भेजने वाला सबसे बड़ा आदित्य-एल1 सूर्य मिशन पेलोड,

विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी), आदित्य एल1 का प्राथमिक पेलोड – सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन, शनिवार को लॉन्च के लिए निर्धारित – पहुंचने पर विश्लेषण के लिए ग्राउंड स्टेशन पर प्रति दिन 1,440 छवियां भेजेगा इच्छित कक्षा. वीईएलसी, आदित्य-एल1 पर “सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण” पेलोड, होसकोटे में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) क्रेस्ट (विज्ञान प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और शिक्षा केंद्र) परिसर में एकीकृत, परीक्षण और अंशांकित किया गया था।

आदित्य L1 यह इसरो का पृथ्वी से बाहर कक्षा में जाने वाला पांचवां मिशन है

आपको बता दें आदित्य L1 इसरो का पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाने वालापांचवा मिशन है 5 मिशन निम्न प्रकार दिए गए हैं-

aaditya l1 5th mission
aaditya l1 5th mission

जानें, सूर्य की स्टडी क्यों जरूरी?

जैसा कि सर्व ज्ञात है कि जिस पृथ्वी पर हम रहते हैं वह सूर्य का ही केंद्र है और पृथ्वी पर जीवन भी सूर्य के कारण ही संभव हो सका है और सूर्य से ही हमारी जलवायु नियंत्रित रहती है अतः सूर्य का अध्ययन करके हम होने वाले बदलावों के बारे में तथा सूर्य किस प्रकार से अपने-आप को चेंज करता है उसकी जानकारी हम प्राप्त करेंगे. सूर्य में लगातार ऊर्जा बनती रहती है जो हमें मिलती है तथा उस उर्जा का भी हम अध्ययन कर सकेंगे.